रवीन्द्रनाथ टैगोर जी के अनमोल वचन - Rabindranath Tagore Quotes in Hindi

Rabindranath Tagore in Hindi: रवीन्द्रनाथ टैगोर जी का जन्म 7 मई 1861 को कोलकाता में हुआ था। रवीन्द्रनाथ टैगोर जी के पिता का नाम देवेंद्रनाथ टैगोर और माता का नाम शारदा देवी था। रवीन्द्रनाथ टैगोर गुरुदेव के नाम से लोकप्रिय थे। भारत आकर गुरुदेव ने फिर से लिखने का काम शुरू किया। आज हम आपको रवीन्द्रनाथ टैगोर जी के अनमोल विचार के बारे में बता रहे हैं जिन्हें अपनाकर आप अपना जीवन सफल कर सकते हैं |


Rabindranath Tagore Quotes


1.चेहरे बहुत होते हैं पर सच्चाई सिर्फ एक होती है। - रवीन्द्रनाथ टैगोर (Rabindranath Tagore)

2. आपकी मूर्ति जब टूट कर धूल में मिल जाती है तो वो इस को साबित करती है कि इश्वर की धूल आपकी मूर्ती से महान है - रवीन्द्रनाथ टैगोर (Rabindranath Tagore)

3.आह, तूने मेरे संगीत के अंतहीन जाल में मेरे दिल को बंदी बना दिया, मेरे गुरु! - रवीन्द्रनाथ टैगोर (Rabindranath Tagore)

4.यदि आप इसलिए रोते हैं कि कोई सूरज आपके जीवन से बाहर चला गया है, तो आपके आँसू आपको सितारों को देखने से भी रोकेंगे। - रवीन्द्रनाथ टैगोर (Rabindranath Tagore)

5.मुझे खतरों से बचने की प्रार्थना नहीं करनी चाहिए, बल्कि उनका सामना करने में निडर होना चाहिए। मुझे अपने दर्द को दूर करने के लिए नहीं, बल्कि दिल को जीतने के लिए भीख माँगने दो। - रवीन्द्रनाथ टैगोर (Rabindranath Tagore)

6.आप फूलों को एकत्रित करने के लिए रुको मत। बढ़ते चलो, आगे बढ़ते चलो, तुम्हारी राह में निरंतर फूल खिलते रहेंगे। - रवीन्द्रनाथ टैगोर (Rabindranath Tagore)

7.आप किनारे खड़े होकर पानी को देखते रहने से समुद्र पार नहीं कर सकते। - रवीन्द्रनाथ टैगोर (Rabindranath Tagore)

8.मैं सो गया और सपना देखा तो  जीवन आनंदमय था। मैं जागा और देखा कि जीवन सेवा है। मैंने अभिनय किया और देखा, सेवा खुशी थी। - रवीन्द्रनाथ टैगोर (Rabindranath Tagore)

9.आपको किसी भी चीज़ को प्राप्त करने के लिए पूरी कीमत चुकानी पड़ती है। - रवीन्द्रनाथ टैगोर (Rabindranath Tagore)

10.इंसान की रचनात्मक आत्मा की यथार्थ के पुकार के प्रति प्रतिक्रिया ही कला है। - रवीन्द्रनाथ टैगोर (Rabindranath Tagore)

11.विश्वास उस पक्षी की तरह है जो प्रकाश को महसूस करता है और जब शांत अंधेरा होता है तो गाता है।- रवीन्द्रनाथ टैगोर (Rabindranath Tagore)

12.हम महानता के करीब तभी आ सकते हैं जब हम विनम्रता में महान हों। - रवीन्द्रनाथ टैगोर (Rabindranath Tagore)

13.यदि आप सभी गलतियों के लिए दरवाज़े बंद कर देंगे तो सत्य बाहर रह जायेगा। - रवीन्द्रनाथ टैगोर (Rabindranath Tagore)

14. हम इस दुनिया को तभी जी पायेंगे  जब हम इस दुनिया से प्रेम करें। - रवीन्द्रनाथ टैगोर (Rabindranath Tagore)
15.प्रेम रुपी उपहार दिया नहीं जा सकता, यह स्वीकार किए जाने की प्रतीक्षा करता है। - रवीन्द्रनाथ टैगोर (Rabindranath Tagore)

16. बर्तन में रखा पानी हमेशा चमकता है जबकि समुद्र का पानी हमेशा गहरे रंग का होता है। लघु सत्य के शब्द केवल स्पष्ठ होते हैं, जबकि महान सत्य हमेशा मौन रहता है। - रवीन्द्रनाथ टैगोर (Rabindranath Tagore)

17.पृथ्वी द्वारा स्वर्ग से बोलने का अथक प्रयास हैं ये पेड़। - रवीन्द्रनाथ टैगोर (Rabindranath Tagore)

18.तितली महीने नहीं बल्कि क्षणों की गिनती करती है और उसके पास पर्याप्त समय होता है। - रवीन्द्रनाथ टैगोर (Rabindranath Tagore)

19.ऊँचे स्तर पर पहुँचें, क्योंकि तारे आपके भीतर छिपे हैं। हर सपने के लिए, लक्ष्य से पहले सपने देखें। - रवीन्द्रनाथ टैगोर (Rabindranath Tagore)

20.जब में अपने आप पर हँसता हूँ तो जो मेरे अंदर बोझ है वो कम हो जाता है। - रवीन्द्रनाथ टैगोर (Rabindranath Tagore)

21.जो व्यक्ति अधिकतर चीज़ो पर अपना स्वामित्व रखता है, उसके पास डरने की कई वजह होती हैं। - रवीन्द्रनाथ टैगोर (Rabindranath Tagore)

22.संगीत द्वारा हम आत्माओं के बीच के अंतर को भर देते हैं। - रवीन्द्रनाथ टैगोर (Rabindranath Tagore)

23. सर्वश्रेठ शिक्षा वो है जो सिर्फ हमें जानकारी ही नहीं देती बल्कि हमारे पूरे जीवन को समस्त अस्तित्व के साथ सद्भाव में लाती है। - रवीन्द्रनाथ टैगोर (Rabindranath Tagore)

24.आपका दिमाग चाकू और ब्लेड की तरह है, यह आपको नुकसान पंहुचा सकता है यदि आप इसका प्रयोग सही नहीं करेंगे। - रवीन्द्रनाथ टैगोर (Rabindranath Tagore)

25.चंद्रमा अपना प्रकाश संपूर्ण आकाश में फैलाता है परंतु अपना कलंक अपने पास ही रखता है। - रवीन्द्रनाथ टैगोर (Rabindranath Tagore)

26.अकेले फूल को कई काँटों से ईर्ष्या करने की जरूरत नहीं होती। - रवीन्द्रनाथ टैगोर (Rabindranath Tagore)

27.सौंदर्य नरक में भी है, पर वहाँ  रहने वाले उसकी पहचान नहीं कर पाते यही तो उनकी सबसे बड़ी सजा है। - रवीन्द्रनाथ टैगोर (Rabindranath Tagore)

28.प्रेम अधिकार का दावा नहीं करता , बल्कि स्वतंत्रता देता है। - रवीन्द्रनाथ टैगोर (Rabindranath Tagore)

29. मित्रता की गहराई परिचय की लम्बाई पर निर्भर नहीं करती। - रवीन्द्रनाथ टैगोर (Rabindranath Tagore)

30. जो प्रेम करता हैं उसे ही दंड देने का अधिकार होना चाहियें। - रवीन्द्रनाथ टैगोर (Rabindranath Tagore)

31.आयु सोचती है, जवानी करती है। - रवीन्द्रनाथ टैगोर (Rabindranath Tagore)